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सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध सुविधाओं के सहारे 08 वर्षीय मनीषा ने दी टीबी को मात
- आशा फैसिलिटेटर के सहयोग से इलाज के दौरान मिली बेहतर स्वास्थ्य सुविधा
- खगड़िया प्रखंड के बछौता गाँव की रहने वाली है मनीषा कुमारी
खगड़िया-
टीबी उन्मूलन को लेकर सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग काफी गंभीर है। इसे सार्थक रूप देने के लिए स्थानीय स्तर पर भी टीबी की जाँच से लेकर समुचित इलाज तक की व्यवस्था की गई है। जिसका सकारात्मक परिणाम यह है कि टीबी बीमारी से संक्रमित मरीज सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध सुविधाओं के सहारे लगातार इस बीमारी को मात भी दे रहे हैं। इसी कड़ी में खगड़िया प्रखंड के कछौता वार्ड नंबर 14 निवासी संजय शर्मा की 08 वर्षीया पुत्री मनीषा कुमारी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में सुविधा और संसाधन के सहारे टीबी बीमारी को मात देने में सफल रही और आज पूरी तरह स्वस्थ है। यह सबकुछ स्थानीय आशा फैसिलिटेटर डेजी कुमारी के सकारात्मक सहयोग और बेहतर स्वास्थ्य सुविधा की बदौलत संभव हुआ।
- गृह भ्रमण के दौरान बीमार बच्ची की मिली जानकारी, फिर शुरू हुआ इलाज :
बछौता गाँव की आशा फैसिलिटेटर डेजी कुमारी ने बताया क्षेत्र भ्रमण के दौरान जब संजय शर्मा के घर पहुँची तो देखा कि उनकी बेटी सर्दी-खांसी एवं बुखार से पीड़ित है । उनके माता-पिता से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि कई दिनों से उक्त परेशानी हो रही है। स्थानीय डाॅक्टरों से इलाज भी करवाया। किन्तु, स्वास्थ्य में सुधार नहीं हो रहा है। जिसके बाद मैंने सदर अस्पताल में जाँच कराने की सलाह दी तो बच्ची के परिवार वाले तैयार हो गये। फिर अगले दिन मैं बच्ची को उनके पिता के साथ जाँच कराने के लिए सदर अस्पताल ले गई। जहाँ जाँच में टीबी संक्रमण की शिकायत पाई गई है। जिसके बाद मैंने उनके पिता से कहा कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है। यहाँ पूरी तरह निःशुल्क समुचित इलाज की सुविधा उपलब्ध है। जिसके बाद बच्ची का इलाज शुरू हुआ और आज बच्ची पूरी तरह स्वस्थ है।
- इलाज के दौरान आशा फैसिलिटेटर का मिला भरपूर सहयोग :
बच्ची के पिता संजय शर्मा ने बताया, कि सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में इलाज के दौरान काफी बेहतर सुविधा बच्ची को मिली एवं समुचित इलाज तक आशा फ़ैसिलिटेटर का भी भरपूर सहयोग मिला। वह इलाज के दौरान लगातार मेरे घर पर आकर बच्ची की स्वास्थ्य अवलोकन करती थी। जिसका परिणाम यह है कि मेरी बच्ची आज पूरी तरह स्वस्थ है।
- इलाज के दौरान आर्थिक सहायता भी मिली :
संजय ने बताया कि इलाज के दौरान मेरी बच्ची को छः माह तक पाँच सौ रुपये प्रत्येक माह के हिसाब से सहायता राशि भी मिली। यह सहायता राशि मुझे बैंक खाते के माध्यम से दी गई। साथ ही अस्पताल में सभी दवाई भी मुफ्त मिली और आशा फैसिलिटेटर से लेकर सभी स्वास्थ्य कर्मियों का भी काफी सहयोग मिला।
- टीबी बीमारी होने पर घबराएं नहीं, अस्पतालों में उपलब्ध है समुचित जाँच और इलाज की मुफ्त सुविधा :
टीबी बीमारी होने पर घबराना नहीं चाहिए। बल्कि, लक्षण दिखते ही स्थानीय स्वास्थ्य संस्थान में जाँच करानी चाहिए। दरअसल, यह एक सामान्य बीमारी है और समय पर जाँच कराने से आसानी के साथ बीमारी से स्थाई निजात मिल सकती है। इसके लिए अस्पतालों में मुफ्त समुचित जाँच और इलाज की सुविधा उपलब्ध है। इसलिए, किसी भी लोगों को इलाज के लिए खर्च की भी चिंता करने की जरूरत नहीं है। इसके अलावा सरकार द्वारा सहायता राशि भी दी जाती है।
- ये हैं टीबी बीमारी का प्रारंभिक लक्षण :-
- 15 दिन या इससे अधिक दिनों तक लगातार खांसी या बुखार रहना।
- बलगम में खून आना।
- एक माह या इससे अधिक दिनों तक सीने में दर्द रहना।
- लगातार शरीर का वजन कम होना एवं कमजोरी महसूस होना।
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Dr. Rajesh Kumar