‘माँ ’ कार्यक्रम के तहत स्तनपान को मिल रहा है बढ़ावा

 


- स्तनपान में छिपा है नवजात शिशु का बेहतर स्वास्थ्य

- स्तनपान नवजात का डायरिया एवं निमोनिया से करता है बचाव 


मुंगेर-

नवजात शिशु की बेहतर देखभाल के लिए मदर ऑब्सोल्यूट अफेक्शन माँ कार्यक्रम चलाया जा रहा है। मालूम हो कि नवजात शिशु की   बेहतर देखभाल में स्तनपान की  भूमिका सबसे अहम मानी जाती है। इसको लेकर जिला भर के सभी स्वास्थ्य संस्थानों, आंगनबाड़ी केंद्रों के साथ - साथ आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सेविका- सहायिका, जीविका दीदी के द्वारा घर- घर जाकर सामुदायिक स्तर पर भी लोगों को छह महीने तक सिर्फ और सिर्फ स्तनपान कराने के लिए जागरूक किया जा रहा है। विभिन्न स्वास्थ्य केन्द्रों में होने वाले प्रसव के बाद नर्स एवं चिकित्सकों के द्वारा एक घंटे के भीतर शिशु को स्तनपान सुनिश्चित कराने पर अधिक ज़ोर दिया जा रहा है। इसके साथ ही हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होने पर माताओं को 6 माह तक केवल स्तनपान कराये जाने के लिए विशेष रूप से परामर्श दिया जा रहा है।


डायरिया एवं निमोनिया से स्तनपान करता है बचाव : 

सिविल सर्जन डॉ. पीएम सहाय ने बताया कि माँ कार्यक्रम के द्वारा   नवजात शिशु की  बेहतर देखभाल के लिए अधिक से अधिक लोगों को स्तनपान के फायदों से अवगत कराने पर ज्यादा ज़ोर दिया जा रहा है। नवजात शिशु के लिए एक घंटे के भीतर माँ का पीला गाढ़ा दूध एवं कम से कम छह महीने तक सिर्फ और सिर्फ मां का स्तनपान बेहद जरूरी होता है। यदि बच्चे को जन्म के पहले घंटे के अंदर माँ का पहला पीला गाढ़ा दूध पिलाया जाये तो ऐसे बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है। नियमित स्तनपान शिशु को डायरिया एवं निमोनिया जैसी गंभीर बीमारियों  से भी बचाव करता है, जिससे शिशु के बेहतर पोषण की बुनियाद तैयार होती है। 


छह महीने तक नियमित स्तनपान से नवजात शिशु को होने वाले  फ़ायदे : 

शिशु की  रोग-प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि ।

शिशु मृत्यु दर में कमी ।

डायरिया एवं निमोनिया से शिशु का  लगातार बचाव ।

शिशु का सम्पूर्ण शारीरिक एवं मानसिक विकास ।

शिशु का अन्य संक्रामक रोगों से बचाव ।


‘ मां ’ कार्यक्रम से स्तनपान को मिल रहा है बढ़ावा : 

अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी (एसीएमओ) डॉ. आनंद शंकर शरण सिंह ने बताया कि सामुदायिक स्तर पर गर्भवती एवं धात्री माताओं के साथ परिवार के अन्य सदस्यों के बीच स्तनपान को लेकर सकारात्मक माहौल तैयार करने के उद्देश्य से ही मदर ऑब्सोल्यूट अफेक्शन' प्रोग्राम ( ‘मां’ ) की शुरुआत की गई है। इस कार्यक्रम के जरिए अधिक से अधिक परिवारों को स्तनपान के बारे में जानकारी दी जा रही है। इस कार्य में आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सेविका- सहायिका एएनएम और जीविका दीदी महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही हैं।

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
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