10 फरवरी से शुरू होने वाले सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम से पहले माइक्रो प्लान सहित सभी आवश्यक तैयारियां को कर लें पूरा : सिविल सर्जन 

 
 
- सिविल सर्जन कार्यालय सभागार में आयोजित टीओटी में जिला भर के आए अधिकारियों ने लिया हिस्सा 
 
- जिला के लगभग सभी प्रखंडों में आशा कार्यकर्ता के सहयोग से लोगों को खिलाई जाएगी तीन दवा 
 
शेखपुरा-
 
आगामी 10 फरवरी से जिला के लगभग सभी प्रखंडों में शुरू होने वाले सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम (आईडीए) राउंड की सफलता को ले गुरुवार को सिविल सर्जन कार्यालय सभागार में ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर्स (टीओटी) प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में सिविल सर्जन डॉक्टर अशोक कुमार सिंह के द्वारा उपस्थित सभी अधिकारियों को आईडीए राउंड के लिए माइक्रो प्लान सहित सभी आवश्यक तैयारियों को समय रहते पूरा करने का निर्देश दिया गया। उन्होंने बताया कि इस वर्ष आईडीए राउंड 14 दिन के बजाय कुल 17 दिनों का होगा। इसमें शुरू के 3 दिनों तक लोगों को फाइलेरिया कि दवा खिलाने वाली आशा कार्यकर्ता के क्षेत्र में मौजूद सरकारी स्कूलों में बूथ लगाकर बच्चों, शिक्षक शिक्षिकाओं सहित अन्य स्कूल के स्टाफ को फाइलेरिया कि दवा खिलानी है और उसके बाद उनके उंगली में मार्क लगाना है जैसे चुनाव के वक्त लगाया जाता है। इसके लिए अलग से माइक्रो प्लान बनाया जाना है। इसके अलावा बाकी के 14 दिनों के दौरान आशा कार्यकर्ता घर- घर जाकर सभी लोगों को फाइलेरिया की दवा खिलाने के बाद चौक या गेरू कि मदद से घर कि दीवारों पर मार्किंग करेगी। इसके लिए अलग से माइक्रो प्लान बनाना है। इस दौरान प्रखंड स्तर पर कार्यरत सीएचसी/पीएचसी लेवल पर भी बूथ लगाकर वहां आने- जाने वाले सभी लोगों को फाइलेरिया कि दवा खिलाई जानी है। उन्होंने बताया कि बूथ लेवल पर दवा सेवन और डोर टू डोर दवा सेवन करवाने के बाद सही तरीके से उसकी रिपोर्टिंग भी करनी है। जैसे बूथ लेवल के लिए टैली सीट पर और डोर टू डोर के लिए पारंपरिक तरीके से। उन्होंने बताया कि इस बार स्वीकृति एप पर एमडीए राउंड कि ऑनलाइन रिपोर्टिंग करनी है। इस अवसर पर डीपीएम डॉक्टर दयाशंकर निधि, वेक्टर डिजीज कंट्रोल ऑफिसर श्याम सुंदर कुमार  सहित जिला के विभिन्न प्रखंडों से आए एमओआईसी, बीएचएम, बीसीएम, वीबीडीएस, डेवलपमेंट पार्टनर, डब्ल्यूएचओ, पिरामल, पीसीआई और सीफार के प्रतिनिधि के अलावा कई अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे। 
 
पीपीटी स्लाइड के माध्यम स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को संबोधित करते हुए वेक्टर डिजीज कंट्रोल ऑफिसर श्याम सुन्दर कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत सरकार के द्वारा दो प्रकार का कार्य किया जा रहा है। पहला सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम (एमडीए/आईडीए) इसके अंतर्गत साल में एक बार फाइलेरिया रोगियों सहित सभी लोगों को फाइलेरिया जैसी दिव्यांग बनाने वाली बीमारी से बचाव के लिए फाइलेरिया रोधी दवा के रूप में अल्बेंडाजोल और डीईसी दवा का सेवन कराया जाता है। शेखपुरा सहित कई जिलों में फाइलेरिया कि दवा के रूप में अल्बेंडाजोल, डीईसी के साथ- साथ एक और दवा आईवरमैक्टीन का सेवन कराया जाता है। आईवरमैक्टीन नामक दवा का सेवन लंबाई के अनुसार कराया जाता है। इस दौरान दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर बीमारी से ग्रसित लोगों को फाइलेरिया कि दवा नहीं खिलाया जाता है। दूसरा कार्य रुग्णता प्रबंधन एवं दिव्यांगता से बचाव (एमएमडीपी) इसके अंतर्गत एमएमडीपी क्लिनिक के माध्यम से हाथीपांव का प्रबंधन, एक्यूट अटैक का प्रबंधन, हाइड्रोसिल का ऑपरेशन के साथ- साथ प्रतिदिन साफ- सफाई  और एक्सरसाइज के बारे में बताया जाता है। उन्होंने बताया कि आईडीए राउंड कि सफलता को लिए प्रखंड स्तर पर आशा कार्यकर्ता सहित अन्य लोगों के लिए ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ट्रेनिंग, ब्लॉक कोऑर्डिनेशन कमेटी कि मीटिंग के साथ- साथ प्रतिदिन इवनिंग मीटिंग भी करना  है। इसके अलावा किसी भी एडवर्स कंडीशन के निपटने के लिए रैपिड रिस्पॉन्स टीम का गठन करना है।

रिपोर्टर

  • Aishwarya Sinha
    Aishwarya Sinha

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