मस्तिष्क ज्वर (जापानी इंसेफलाइटिस) को ले मेडिकल ऑफिसर, हेल्थ ऑफिसर और सीएचओ को दिया गया प्रशिक्षण

 
- सिविल सर्जन की अध्यक्षता में नए फेब्रिकेटेड अस्पताल सभागार में हुआ प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन 
 
- प्रशिक्षण में शामिल हुए सदर अस्पताल, अनुमंडल अस्पताल, सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत चिकित्सा पदाधिकारी 
 
मुंगेर-
 
 
मस्तिष्क ज्वर (जापानी इंसेफलाइटिस) को ले मेडिकल ऑफिसर, हेल्थ ऑफिसर और सीएचओ को प्रशिक्षण दिया गया। इस आशय की जानकारी बुधवार को सदर अस्पताल परिसर स्थित नए फेब्रिकेटेड अस्पताल सभागार में आयोजित एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रभारी सिविल सर्जन डॉक्टर अखिलेश कुमार ने दी। उन्होंने बताया कि वेक्टर रोग नियंत्रण कार्यक्रम बिहार के अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी के निर्देशानुसार बुधवार और गुरुवार को सदर अस्पताल मुंगेर, अनुमंडल अस्पताल तारापुर सहित जिला के विभिन्न प्रखंडों में कार्यरत सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर कार्यरत मेडिकल ऑफिसर, हेल्थ ऑफिसर और सदर प्रखंड और जमालपुर प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर कार्यरत कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (सीएचओ) को एईएस जेई/जापानी इंसेफलाइटिस के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी जा रही है। उन्होंने बताया कि इस बीमारी को मस्तिष्क ज्वर/ दिमागी बुखार या चमकी बुखार भी कहा जाता है। यह बीमारी 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को होने कि ज्यादा संभावना रहती है। उन्होंने बताया कि गुरुवार को धरहरा, हवेली खड़गपुर, तारापुर, संग्रामपुर, टेटिया बंबर, बरियारपुर और असरगंज प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर कार्यरत सीएचओ, पीकू मुंगेर के इंचार्ज, सदर अस्पताल में कार्यरत जीएनएम, विभिन्न प्रखंडों में कार्यरत वेक्टर बोर्न डिजीज सुपरवाइजर, बेसिक हेल्थ वर्कर और सभी स्वास्थ्य केंद्र से एक- एक एंबुलेंस ईएमटी स्टाफ को एईएस जेई का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस अवसर पर डिस्ट्रिक्ट वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल ऑफिसर डॉक्टर अरविंद कुमार सिंह, डिस्ट्रिक्ट वेक्टर बोर्न डिजीज कंसल्टेंट पंकज कुमार प्रणव, वेक्टर डिजीज कंट्रोल ऑफिसर संजय कुमार विश्वकर्मा, डब्ल्यूएचओ के एसएमओ डॉक्टर सतीश कुमार, यूनिसेफ के अमित कुमार, यूएन डीपी के सुधाकर कुमार, पिरामल स्वास्थ्य के राजेश सिन्हा, सीफार के जय प्रकाश कुमार सहित विभिन्न प्रखंडों से आए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे। 
 
प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डिस्ट्रिक्ट वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल ऑफिसर डॉक्टर अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य कर्मियों में मस्तिष्क ज्वर/ एईएस  (एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम) या जापानी इंसेफलाइटिस के मामले कि रोकथाम, प्रबंधन एवम प्रतिवेदन के लिए अस्पष्ट दृष्टिकोण विकसित करने के उद्देस्य से यह प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बुखार कि तेजी से शुरुआत और मानसिक स्थिति में बदलाव जैसे चमकी, बेहोशी, बात करने में असमर्थता, भ्रम कि स्थिति जैसे लक्षणों को मस्तिष्क ज्वर या एईएस कहा जाता है। यह साल भर में किसी भी समय, किसी भी उम्र के बच्चों को हो सकता है। इन लक्षणों के प्रकट होने से पहले बुखार हो भी सकता है और नहीं भी। मुजफ्फरपुर के आसपास के जिलों में होने वाले एईएस के मामलों में ऐसा देखा गया है कि वहां मरीजों में बुखार कि समस्या नहीं होती है। उन्होंने बताया कि यह बीमारी 1से 15 वर्ष के कुपोषित बच्चों, वैसे बच्चे जो बिना भरपेट भोजन किए रात में सो जाते हैं, वैसे बच्चे जो गर्मी के दिनों में बिना खाए- पिए धूप में खेलते हो और वैसे कुपोषित बच्चे जो कच्चे या अधपके हुए लीची का सेवन करते हो उन्हे हो सकता है। उन्होंने बताया कि सिर दर्द, तेज बुखार आना, अर्ध चेतना एवं मरीज में पहचानने कि क्षमता नहीं होना, भ्रम कि स्थिति में होना, बच्चे का बेहोश हो जाना, शरीर में चमकी होना अथवा हाथ पैर में थरथराहट होना, पूरे शरीर या किसी अंग विशेष में लकवा मार देना और बच्चे का शारीरिक और मानसिक संतुलन ठीक नहीं होना मस्तिष्क ज्वर के महत्वपूर्ण लक्षण हैं। 
उन्होंने बताया कि मरीज को तेज बुखार होने पर पूरे शरीर को ताजे पानी से पोछे और पंखे से हवा करें ताकि बुखार 100 डिग्री फारेनहाइट से कम हो सके, पारासीटामोल टैबलेट्स कि 500 एमजी कि गोली या 125 एमजी/5 एमएल की सीरप मरीज को उम्र के हिसाब से देना है। यदि बच्चा बेहोश नहीं है तब भी साफ पानी में ओआरएस का घोल बनाकर पिलाए और बेहोशी और मिर्गी कि अवस्था में बच्चे को हवादार स्थान पर रखे और यदि मरीज के मुंह से झाग या लार बार - बार या ज्यादा निकल रहा है तो साफ पट्टी या कपड़े से मरीज का मुंह साफ करते रहना है। इसके अलावा चमकी या बेहोशी कि स्थिति में बच्चे को तुरंत अस्पताल में भर्ती करवाएं। 
इस अवसर पर डब्ल्यूएचओ के एसएमओ सतीश कुमार ने पीपीटी प्रेजेंटेशन के माध्यम से सभी लोगों को एईएस जेई से जुड़े तमाम तकनीकी पहलुओं से अवगत कराया।
डिस्ट्रिक्ट वेक्टर बोर्न डिजीज कंसल्टेंट पंकज कुमार प्रणव जिला के विभिन्न प्रखंडों से बुधवार को प्रशिक्षण लेने वाले मेडिकल ऑफिसर, हेल्थ ऑफिसर और कम्यूनिटी हेल्थ ऑफिसर अपने क्षेत्र में जाकर ग्रामीण स्तर पर काम करने वाली एएनएम, आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और जीविका कि एसएचजी से जुड़ी जीविका दीदी को मस्तिष्क ज्वर कि पहचान, प्राथमिक उपचार सहित अन्य सावधानी के बारे में प्रशिक्षित करेंगे।

रिपोर्टर

  • Aishwarya Sinha
    Aishwarya Sinha

    The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News

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