पोषण पखवाड़ा के अंतर्गत आईसीडीएस कर्मियों सहित अन्य लोगों को जिलाधिकारी ने दिलाई "सही पोषण, देश रौशन" के प्रति जागरूक करने की शपथ 

 
- पंचायती राज भवन सभागार में आयोजित कार्यक्रम में जिलाधिकारी अवनीश कुमार ने जिला में कुपोषण स्तर को कम करने कि कर्मियों से की अपील
 
- जिला भर में विगत 9 मार्च से 23 मार्च तक मनाया जा रहा है पोषण पखवाड़ा
 
मुंगेर-
 
पोषण पखवाड़ा के अंतर्गत आईसीडीएस कर्मियों सहित अन्य लोगों को जिलाधिकारी अवनीश कुमार ने "सही पोषण, देश रौशन" के प्रति लोगों को  जागरूक करने की शपथ दिलाई।जिला मुख्यालय स्थित पंचायती राज भवन सभागार में आईसीडीएस द्वारा आयोजित कार्यक्रम में जिलाधिकारी ने जिला में कुपोषण स्तर को कम से  कमतर करने के लिए समुदाय को जागरूक करने के लिए कर्मियों से अपील की। इस अवसर पर उन्होंने बताया कि केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के द्वारा कुपोषण से लड़ने के लिए मार्च 2018 में पोषण अभियान कि शुरुआत की गई। प्रत्येक वर्ष मार्च के महीने में पोषण पखवाड़ा का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष यह पखवाड़ा 9 से 23 मार्च के दौरान मनाया जा रहा है। इस दौरान समग्र रूप से व्यक्तिगत और सामुदायिक स्तर पर व्यवहार परिवर्तन के माध्यम से गर्भवती महिलाओ, धात्री माताओं, किशोरियों एवम 0 से 6 वर्ष तक के बच्चों के पोषण में अपेक्षित सुधार लाने और 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों के प्रारंभिक देखभाल और शिक्षा के प्रति समुदाय को संवेदनशील बनाने के लिए जन भागीदारी से गतिविधियों का आयोजन कर जन आंदोलन का रूप देकर काम करने के लिए कर्मियों सहित अन्य लोगों को प्रशिक्षित किया गया।
 
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आईसीडीएस कि डीपीओ संगीता कुमारी ने बताया कि बुधवार को आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में  नेशनल न्यूट्रीशन मिशन कि डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर सुश्री मुक्ता कुमारी, महिला एवं बाल विकास निगम के डीपीएम मनोज जी, जिला के सभी प्रखंडों में कार्यरत सीडीपीओ, लेडी सुपरवाइजर, नेशनल न्यूटिशन मिशन कि सभी ब्लॉक कॉर्डिनेटर, मुंगेर सदर प्रखंड कि सभी सेविका के अलावा वन स्टॉप सेंटर के सेंटर एडमिनिस्ट्रेटर शिप्रा के अलावा क्रिटास इंडिया, पिरामल और सीफार के जिला प्रतिनिधि उपस्थित थे। उन्होंने बताया कि डीएम अवनीश कुमार के द्वारा सभी लोगों को "सही पोषण, देश रौशन" के प्रति समुदाय को जागरूक करने कि शपथ दिलाई गई जिसकी मुख्य थीम है  -
1. 3 से 6 वर्ष तक बच्चों के लिए पोषण भी पढ़ाई भी ।
2. समुदाय को स्वच्छता एवं सही पोषण के प्रति जागरूक करना ।
3. सही पोषण के लिए स्थानीय पोषण युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना ।
4. गर्भवती महिलाओं, धात्री माताओं के स्वास्थ्य को बेहतर करने एवं शिशु एवं बच्चों के आहार संबंधी व्यवहार का अभ्यास कराने के लिए जागरूक करना ।
5. समाज को कुपोषण से मुक्त बनाने के लिए इस जन आंदोलन में अपने समाज के लोगों कि भागीदारी सुनिश्चित कराना है।

रिपोर्टर

  • Swapnil Mhaske
    Swapnil Mhaske

    The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News

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