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टीबी की पहचान हो जाने पर अब मरीजों के खाते में एडवांस में भेजी जायेगी 1500 रुपये की पोषण राशि
- 84 दिनों के उपचार के बाद पुनः भेजी जाएगी 1500 की दूसरी क़िस्त
- स्पूटम कैरियर के रूप में काम करने वाले टीबी चैपियंस को भी मिलेगी प्रोत्साहन राशि
मुंगेर, 29 मई 2024 :
राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के नये गाइडलाइन के अनुसार अब टीबी मरीज के नोटिफाइड होते ही निक्षय पोषण योजना के अंतर्गत मरीजों के बैंक खाते में पोषण राशि के रूप में एडवांस में 1500 रुपये भेजी जायेगी। नये गाइडलाइन के अनुसार उपचार प्रारंभ होने के 84 दिनों के बाद दूसरी क़िस्त के रूप पुनः 1500 रुपये भेजी जायेगी। इसके बाद भी यदि मरीज का उपचार 6 माह से अधिक चलता है तो 500 रुपये प्रति माह की राशि मरीज के खाते में भेजी जाएगी। इस आशय की जानकारी जिला संचारी रोग पदाधिकारी (सीडीओ) डॉक्टर ध्रुव कुमार शाह ने दी। उन्होंने बताया कि
नए गाइडलाइन के अनुसार अब टीबी चैंपियन स्पूटम कैरियर का भी काम कर सकेंगे। इसके लिए सरकार की तरफ से उन्हें प्रोत्साहन राशि भी मिलेगी। टीबी चैंपियन स्पुटम कैरियर के रूप में मरीज का बलगम और जरूरी जांच के लिए नजदीकी प्राथमिक अथवा अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचाने का काम करेंगे जिसके लिए उन्हें 200 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इसके अलावा प्राथमिक अथवा अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से जिला टीबी सेंटर तक बलगम पहुंचाने पर 400 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जायेगी। उन्होंने बताया कि टीबी चैपियंस को स्पुटम कैरियर के रूप में काम करने के लिए आर्थिक और सामाजिक रूप से स्वास्थ्य विभाग प्रोत्साहित कर रही है। राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत निजी चिकित्सक, अस्पताल एवं क्लिनिक के द्वारा यक्ष्मा रोगियों का नोटिफिकेशन एवं उपचार कर सक्सेसफुल आउटकम रिपोर्ट देने पर उन्हें प्रत्येक नोटिफिकेशन के लिए 500 रुपये एवं उपचार के अंत में आउटकम रिपोर्ट देने पर 500 रुपये प्रति मरीज की दर से भुगतान होगा।
जिला में अभी कुल 2540 टीबी मरीजों का इलाज चल रहा है, इनमें से 60 हैं एमडीआर टीबी के मरीज : जिला यक्ष्मा केंद्र मुंगेर में जिला टीबी/एचआईवी समन्वयक के रूप में कार्यरत शैलेन्दु कुमार ने बताया कि जिला भर में अभी कुल 2540 टीबी मरीजों का इलाज चल रहा है, इनमें से 60 मल्टी ड्रग रेजिस्टेंट (एमडीआर) टीबी के मरीज हैं। उन्होंने बताया कि टीबी मरीजों के साथ- साथ एमडीआर टीबी के मरीजों के इलाज को और आसान बनाने के लिए सरकार के द्वारा और प्रभावी कदम उठाया गया है। पहले एमडीआर टीबी के मरीज को 24 महीने तक टीबी दवा खानी पड़ती थी लेकिन अब ऐसे मरीज को 18 से 20 महीने तक टीबी कि दवा खानी पड़ती है। इसके लिए सरकार के द्वारा बीडाकुलीन नामक दवा कि शुरआत की गई है।
स्वास्थ्य विभाग कि सहयोगी संस्था डब्ल्यूएचपी के जिला प्रतिनिधि दीपक कुमार ने बताया कि टीबी मरीज के संपर्क में रहने वाले 5 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों का एक्स रे करवाना अति आवश्यक है क्योंकि टीबी मरीजों के संपर्क में रहने वाले लोगों में टीबी के संक्रमण कि संभावना अधिक रहता है। उन्होंने बताया कि टीबी मरीज के संपर्क में रहने वाले बच्चों और बड़ों को भी प्रिवेंटिव दवा चलती है। इसमें 6H, 3HP कि दवा है। ताकि टीबी के संक्रमण के फैलाव को जड़ से समाप्त किया जा सके ।
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Aishwarya Sinha