स्वाति गोयल रचित काव्य संग्रह जीवन धारा का विमोचन समारोह का आयोजन किया गया


-इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में स्वाति गोयल रचित काव्य संग्रह जीवन धारा का विमोचन किया गया।

- स्वाति ने हिंदी भाषा के लिए जो शब्दों के माध्यम से अभिव्यक्ति की है इसके लिए भारत सरकार को सम्मानित करना चाहिए- राम बहादुर राय

नईदिल्ली-

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में स्वाति गोयल रचित काव्य संग्रह जीवन धारा का विमोचन समारोह का आयोजन किया गया। इस खास मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में राजगुरु मठ, काशी पीठाधीश अनंतश्री विभूषित जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी अनंतानंद सरस्वती, विशिष्ठ अतिथि के रूप में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के अध्यक्ष पद्मश्री रामबहादुर राय, गेस्ट ऑफ ऑनर के रूप में अंतरराष्ट्रीय कवि व गीतकार गजेंद्र सोलंकी, दीनदयाल उपाध्याय महाविद्यालय के प्रो. डॉ. आनंद सक्सेना,बालीवुड के चर्चित प्रोड्यूसर अभिषेक दुधईया एवं डॉ हितेश व्यास उपस्थित थे।

इस खास मौके पर काव्य संग्रह का विमोचन करते हुए पद्मश्री राम बहादुर राय ने कहा कि स्वाति ने सहज भाषा का प्रयोग किया है। जिस प्रकार से इन्होंने हिंदी भाषा को लेकर शब्दों के माध्यम से जो अभिव्यक्ति अपनी कविता के जरिए की है इसके लिए भारत सरकार को सम्मानित करना चाहिए। मातृभाषा को सम्मान मिलना ही चाहिए।

राम बहादुर राय ने कई रचनाओं को कालजयी रचना बताया। राम बहादुर राय ने कहा कि कविता के जरिए स्वाति गोयल ने कोरोना काल की घटनाओं का भी जिक्र किया है। यह सारगर्भित काव्य संग्रह है। ऐसी रचना को आज समाज को जरूरत है। स्वाति की रचना प्रेरक हैं।

जीवन धारा पुस्तक का विमोचन करते हुए जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अनंतानंद सरस्वती ने कहा कि जिस प्रकार से अंग दान की चर्चा की है यह हमारी परंपरा रही है। दाधीची ऋषि की पंरपरा की चर्चा है। यह आज के युग के युवाओं को जानना चाहिए। जो स्वाति गोयल ने कर दिखाया है। स्वाति गोयल ने अपने रचना में जीवन के हर पहलू को छुआ है। यह अद्भूत काव्य संग्रह है।

 इस मौके पर अंतरराष्ट्रीय कवि गजेंद्र सोलंकी ने कहा कि स्वाति गोयल एक गृहिणी हैं लेकिन उनकी दृष्टि बाहरी जगत और वातावरण पर भी सम्मान रूप से रहती है। जैसा कविताओं को पढ़ने पर लगता है कि वे कितनी चिंतनशील हैं। उनके संवेदनशील मन ने विषयों पर चिंतन मंथन करते हुए अपनी अनूभूतियों को कविताओं में ढालकर प्रथम काव्य संकलन जीवन धारा के रूप में प्रस्तुत किया है। इस संकलन में भाषा सहज सरल, और संप्रेषणीयता की व्यापकता लिए हुए है। जीवन धारा अनेक कविताओं के माध्यम से हमारे जीवन प्रवाह को दिशा निर्देशित और प्रभावित करनेर का सफल प्रयास है।

पुस्तक विमोचन के मौके पर डॉ आनंद संक्सेना ने काव्य संग्रह को गीतों में पिरोकर दर्शकों का मन मोह लिया। डॉ हितेष व्यास ने इस खास मौके पर स्वाति गोयल को बधाई देते हुए कहा कि इनका प्रयास रंग लाया है। आने वाले दिनों में इनकी रचना संग्रह पुस्तकों आएगी।

बॉलीवुड प्रोड्यसर अभिषेक दुधईया ने स्वाति गोयल को बधाई देते हुए कहा कि इनकी रचना सामाजिक,सांस्कृतिक और प्राकृतिक परिवेश को दर्शाती है।

कार्यक्रम के शुरुआत में जीवन धारा काव्य संग्रह की रचनाकार स्वाति गोयल ने कहा कि इनकी कविताएं ने केवल व्यक्तिगत अनुभवों पर आधारित है बल्कि सामाजिक, सांस्कृति और प्राकृतिक परिवेश को भी दर्शाती है। प्रत्येक कविता एक अलग कहानी कहती है, जो हमारे जीवन के विविध पहलुओं को छूती है। कार्यक्रम का संचालन राजेश अग्रवाल ने करते हुए स्वाति गोयल की कविता यात्रा पर चर्चा करते रहे।

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
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