दिवंगत स्क्वाड्रन लीडर शिशिर तिवारी, जिन्होंने उत्तराखंड बाढ़ में 700 लोगों की जान बचाई थी, की स्मृति में उनके पिता ग्रुप कैप्टन (सेवानिवृत्त) शरद तिवारी ने वंचित बच्चों की शिक्षा के लिए मिलाप पर क्राउडफंडिंग शुरू की 

 
 


नई दिल्ली, 8th अगस्त 2024ः

 भारतीय वायु सेना के सम्मानित वयोवृद्ध ग्रुप कैप्टन (सेवानिवृत्त) शरद तिवारी अपने पुत्र शहीद स्क्वाड्रन लीडर शिशिर तिवारी की स्मृति को सम्मानित करने के मिशन पर हैं। शिशिर की 2017 में देश की सेवा करते हुए एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में दुखद मृत्यु हो गई थी।

साल 1986 में जन्मे शिशिर ने सेवा भाव को अपना लिया था। इंजीनियरिंग में स्नातक (बी.टेक) की पढ़ाई पूरी करने के बाद वे भारतीय वायु सेना में शामिल हो गए और पूरे देश में अपनी सेवाएं दीं। उनकी वीरता की झलक 2013 में उत्तराखंड में आई बाढ़ के दौरान देखने को मिली, जब उनके अथक बचाव प्रयासों ने करीब 700 लोगों की जान बचाई।

सेवानिवृत्त ग्रुप कैप्टन शरद तिवारी ने कहा, "एक सेवानिवृत्त ग्रुप कैप्टन के रूप में मैं इस कर्तव्य पथ पर अपेक्षित त्याग और समर्पण को समझता हूं। मुझे अपने बेटे पर सबसे ज्यादा गर्व है।"

शिशिर का जीवन छह अक्टूबर, 2017 को अरुणाचल प्रदेश में एक नियमित मिशन के दौरान हेलीकॉप्टर दुर्घटना में समाप्त हो गया था। इस दुर्घटना में विमान में सवार सभी सात लोगों की जान चली गई थी। इससे दुखी होकर ग्रुप कैप्टन तिवारी और उनकी पत्नी ने अपने दुख को सार्थक बनाने में सांत्वना पाई। शिशिर के राष्ट्र की सेवा करने के सपने से प्रेरित होकर उन्होंने वंचित और झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले बच्चों को शिक्षा के अवसर प्रदान करने के मिशन पर काम शुरू किया।

सेवानिवृत्त ग्रुप कैप्टन शरद तिवारी ने कहा, "हमारे द्वारा मदद किया जाने वाला प्रत्येक बच्चा हमारे देश के लिए अगला शिशिर बन सकता है।"

उनकी यात्रा एक फ्लाईओवर के नीचे, मुट्ठी भर किताबों और एक ब्लैकबोर्ड के साथ शुरू हुई। चुनौतीपूर्ण माहौल के बावजूद, उन्होंने बच्चों की आंखों में जिज्ञासा और सीखने की उत्सुकता की चमक देखी। उनकी लगन ने और अधिक छात्रों को आकर्षित किया और जल्द ही वे झुग्गी-झोपड़ियों के दर्जनों बच्चों को मुफ्त में पढ़ा रहे थे। आज, उनका स्कूल काफी बड़ा हो गया है। लगभग 200 की क्षमता वाले स्कूल में 120 छात्र पढ़ रहे हैं। समानता के लिए प्रतिबद्ध वे लगभग समान लिंग वितरण सुनिश्चित करते हैं। स्कूल सुबह 7:30 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक संचालित होता है, तथा एक व्यवस्थित शिक्षण वातावरण प्रदान करता है जिसमें शैक्षणिक, पाठ्येतर गतिविधियां और प्रेरक वार्ताएं शामिल होती हैं।

ग्रुप कैप्टन (सेवानिवृत्त) शरद तिवारी का मानना है कि शिक्षा बदलाव का सबसे शक्तिशाली साधन है। इस सपने को जिंदा रखने के लिए वे जनता का समर्थन मांग रहे हैं। दान से सीधे तौर पर शिक्षकों के वेतन, प्रशासनिक कर्मचारियों, छात्रों के लिए परिवहन, स्कूल का किराया, जरूरी वस्तुओं और शिक्षण सामग्री जैसी आवश्यक ज़रूरतों को पूरा किया जाएगा।

सेवानिवृत्त ग्रुप कैप्टन शरद तिवारी ने कहा, "हमारे स्कूल का समर्थन करके आप इन बच्चों के भविष्य में निवेश कर रहे हैं। आपकी उदारता हमारे बेटे की स्मृति का सम्मान करेगी और हमें अपने देश की सेवा करने के उसके सपने को आगे बढ़ाने में मदद करेगी।"

धन संग्रह के अपने प्रयास में ग्रुप कैप्टन (सेवानिवृत्त) तिवारी एक विश्वसनीय ऑनलाइन क्राउडफंडिंग मंच मिलाप का उपयोग कर रहे हैं। उनके मिलाप अभियान के माध्यम से दान किया जा सकता है, जिससे दानदाताओं के लिए पारदर्शिता और आसानी सुनिश्चित होती है।

ग्रुप कैप्टन (सेवानिवृत्त) तिवारी कहते हैं, "मिलाप ने हमें दयालु व्यक्तियों तक पहुंचने के लिए एक मंच दिया है जो इन बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए हमारे दृष्टिकोण को साझा करते हैं।"

इसमें सहयोग करने के लिए कृपया https://milaap.org/fundraisers/help-shreeram-montessori पर विजिट करें।

यदि आप किसी प्रियजन को उनकी जरूरत के समय सहायता प्रदान करना चाहते हैं या किसी ऐसे कार्य में सहयोग करना चाहते हैं जो आपके दिल के करीब है, तो आप आज ही www.milaap.org पर जाकर शुरुआत कर सकते हैं या हमें +91 9916174848 पर कॉल कर सकते हैं।

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
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    The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News

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