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0 से 5 वर्ष तक के जन्मजात बहरेपन से ग्रसित कुल 23 बच्चों का कॉक्लियर इंप्लांट सर्जरी के लिए हुआ स्क्रीनिंग
- सदर अस्पताल परिसर स्थित डीईआईसी में डॉक्टर अभिनीत लाल के द्वारा मूक बधिर बच्चों का किया गया स्क्रीनिंग
- संस्था एडिप योजना के अंतर्गत चिन्हित बच्चों के कॉक्लियर इंप्लांट सर्जरी के लिए रहने और आने- जाने कि व्यवस्था करेगी संस्था
मुंगेर-
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के बाल श्रवण योजना के अंतर्गत शुक्रवार को सदर अस्पताल परिसर स्थित डिस्ट्रिक्ट अर्ली इंटरवेंशन सेंटर (डीईआईसी) में 0 से 5 वर्ष तक के जन्मजात बहरेपन से ग्रसित कुल 23 बच्चों का पटना के डॉक्टर अभिनीत लाल के स्क्रीनिंग किया गया। इस दौरान कुल 9 बच्चे कॉक्लियर इंप्लांट सर्जरी के लिए चिन्हित किया गया। इस आशय कि जानकारी सिविल सर्जन डॉ. विनोद कुमार सिन्हा ने दी। उन्होंने बताया कि स्क्रीनिंग कैंप का आयोजन आरपीएमयू/ डीएचएस और आरबीएसके के द्वारा किया गया जिसमें जिला के विभिन्न प्रखंडों से जन्मजात बहरेपन कि बीमारी से ग्रसित बच्चों का पटना के डॉक्टर अभिनीत लाल और उनकी प्राणिधान ईएनटी एंड हेड, नेक क्लिनिक बोरिंग रोड पटना के द्वारा स्क्रीनिंग किया गया । उन्होंने बताया कि संस्था एडिप योजना ( एसिस्टेंस टू डिसेबल्ड पर्सन स्कीम ) के अंतर्गत चिन्हित बच्चों के कॉक्लियर इंप्लांट सर्जरी के लिए बच्चों एवं उनके दो अभिभावकों के रहने और आने- जाने में होने वाले खर्चे का वहन संस्था के द्वारा स्वयं किया जाएगा।
जिला में राष्टीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) समन्वयक प्रेम रंजन दुबे ने बताया कि मुंगेर जिला के हर एक प्रखंड में आरबीएसके के अंतर्गत चलंत चिकित्सा दल गठित है। इस दल के द्वारा प्रत्येक आंगनबाड़ी और सरकारी विद्यालयों में बच्चों कि 44 तरह कि बीमारियों कि जांच की जाती है जिसमें श्रवण बधिरता भी शामिल है। उन्होंने बताया कि जिला के अंतर्गत जिन बच्चों का उम्र 0 से 5 साल तक का है, जिन्हें जन्म से सुनने और बोलने में समस्या है उनका अर्ली इंटरवेंशन एवं स्क्रीनिंग के माध्यम से पहचान कर पूर्ण इलाज निःशुल्क सुनिश्चित करवाना जैसे कॉक्लियर इंप्लांट सर्जरी बाल श्रवण योजना का मुख्य उद्देश्य है। इससे बच्चों के बोलने सुनने कि समस्या से उनमें होने वाली समग्र विकास में किसी प्रकार कि बाधा उत्पन्न न हो। उन्होंने बताया कि कैंप में बच्चों के सुनने और बोलने कि क्षमता का मशीनों से जांच किया जाएगा।
डिस्ट्रिक्ट अर्ली इंटरवेंशन सेंटर मुंगेर में कार्यरत निशांत कुमार ने बताया कि शुक्रवार को आयोजित स्क्रीनिंग कैंप में जिला के विभिन्न प्रखंडों से जन्मजात बहरेपन से ग्रसित कुल 23 बच्चे शामिल हुए इनमें से 9 बच्चों को चिन्हित करते हुए बीईआरए जांच के लिए पटना रेफर किया गया है। इस जांच के बाद यह पता चल पाएगा कि किस बच्चे में कितना प्रतिशत तक मुक बधिरता है। इसके बाद ही चिन्हित किए बच्चों का कॉक्लियर इंप्लांट सर्जरी कराया जाएगा।
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Dr. Rajesh Kumar