सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम में जिले के करीब 15 लाख लोगों को खिलाई जाएगी फ़ाइलेरिया की दवा- सिविल सर्जन

 

• 14 दिन घर में तथा 3 दिन बूथ लगाकर चलाया जायेगा अभियान
• सीफर एवं जिला स्वास्थ्य समिति, कैमूर के तत्वावधान में मीडिया उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन
• हाथीपांव से बचाव के लिए स्वास्थकर्मी घर—घर जाकर करायेंगे दवा का सेवन

भभुआ:

“जिला में फाइलेरिया उन्मूलन के लिए 10 फरवरी से सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम (मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन- एमडीए) के तहत दवा का सेवन कराया जायेगा. अभियान के दौरान स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा अपने सामने लोगों को दवा खिलाई जाएगी. दवा किसी भी सूरत में बांटी नहीं जाएगी. स्कूलों में मिड मध्यान्न भोजन के बाद ही बच्चों को दवा खिलाई जाएगी. यह दवा दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को छोड़कर सभी को खिलाई जाएगी. दवा सेवन खली पेट में नहीं करना है. दवा सेवन के उपरांत यदि किसी भी तरह की परेशानी दिखती है तो इससे निपटने के लिए रैपिड रिस्पांस रीम का गठन किया गया है. उक्त बातें जिला सिविल सर्जन डॉ. चंदेश्वरी रजक ने सीफार के सहयोग से जिला स्वस्थ्य समिति, कैमूर द्वारा आयोजित मीडिया कार्यशाला में कही.
फ़ाइलेरिया की दवा सेवन से कोई दुष्प्रभाव नहीं:
इस मौके डॉ. रजक ने कहा कि फाइलेरिया उन्मूलन के लिए एमडीए अभियान चलाया जाता है. इस अभियान के दौरान फाइलेरिया संभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को दवा दी जाती है. जिला में चलने वाले इस अभियान में अल्बेंडाजोल एवं डीईसी दवा शामिल हैं एवं जिला के करीब 15 लाख लोगों को दवा खिलाई जाएगी. इन दवाओं की शरीर में मौजूद फाइलेरिया परजीवी को समाप्त करने में अहम भूमिका होती है. केंद्र सरकार के फाइलेरिया उन्मूलन के लक्ष्यों को देखते हुए बिहार में एमडीए अभियान की शुरुआत की गयी है. वर्ष 2027 तक फाइलेरिया उन्मूलन के लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
स्वास्थ्यकर्मियों की भूमिका हुई तय:
सिविल सर्जन ने बताया कि जिला में 740 टीम तैयार की गयी है. इसमें दो स्वास्थकर्मी दवा सेवन कराने का काम करेंगे. इसमें 72 सुपरवाईजर इनका सहयोग करेंगे. उन्होंने बताया कि टीम की मदद से अभियान को 17 दिनों तक चलाया जायेगा. 10 से 23 तारीख तक घर घर जाकर एवं 24, 25 एवं 27 को बूथ लगाकर दवा खिलाई जाएगी. उन्होंने बताया कि दवा सेवन से किसी प्रकार का नुकसान नहीं होता है. यदि दवा सेवन के बाद सरदर्द, उल्टी और बुखार जैसी परेशानियां होती है तो यह फाइलेरिया संक्रमण का संकेत है. उन्होंने मीडियाकर्मियों को दवा के डोज के बारे में विस्तार से बताया.
कार्यशल में तमाम मीडिया के सहयोगियों के अलावा सिविल सर्जन डॉ. चंदेश्वरी रजक, जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. सत्य स्वरुप, गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. राज नारायण, वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी रोहित कुमार एवं उत्तम कुमार, सिफार की तरफ से नवनीत सिन्हा, अशोक कुमार एवं रमेश कुमार, पिरामल स्वास्थ्य से राज्य प्रतिनिधि प्रसंजित प्रमाणिक, सोहेल अहमद, अमलेश कुमार, राकेश कुमार, उपस्थित रहे.

रिपोर्टर

  • Aishwarya Sinha
    Aishwarya Sinha

    The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News

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