ग्रामीणों के विरोध के बाद भी कर्तव्य पथ से नहीं डिगीं एएनएम अनुपम


खरीक प्रखंड क्षेत्र की 13 पंचायतों में लोगों का कर रहीं टीकाकरण

अबतक लगभग ढाई हजार लोगों को लगा चुकी हैं कोरोना का टीका


भागलपुर-



कोरोना टीकाकरण अभियान को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्यकर्मियों को तमाम चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। हालांकि इसके बावजूद स्वास्थ्यकर्मियों ने अपनी मेहनत और लगन से अभियान को सफल बना दिया है। टीकाकरण की जब शुरुआत हुई थी तो लोगों के मन में तमाम तरह के भ्रम थे। लोगों में डर था कि कोरोना का टीका लेने के बाद न जाने क्या हो जाएगा, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के जागरूकता अभियान ने इसे सफल बना दिया है। खरीक आरबीएसके टीम की एएनएम अनुमप रंजन को भी टीकाकरण अभियान के दौरान कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा, लेकिन वह अपने लक्ष्य से डिगी नहीं। क्षेत्र के अधिक से अधिक लोगों को टीका देने के अभियान वह लगी हुई हैं। अबतक वह 2500 से अधिक लोगों को कोरोना का टीका लगा चुकी हैं।

अनुपम कहती हैं कि कोरोना टीकाकरण अभियान को न सिर्फ अपनी नौकरी के तौर पर नहीं देख रही हूं, बल्कि इसे मैं अपनी जिम्मेदारी भी समझ रही हैं। नौकरी तो है ही, लेकिन क्षेत्र के अधिक से अधिक लाभुकों को टीका लगाकर लोगों को कोरोना की चपेट में आने से बचाना है। मन में इस बात को लेकर वह प्रतिदिन अपने काम पर निकलती हैं।

अनुपम कहती हैं- टीकाकरण की जब शुरुआत हुई थी तो लोगों के मन में कोरोना टीका के प्रति भ्रम था। महिलाओं में बांझपन तो पुरुषों में नपुंसकता का भय था। यही कारण था कि जब वे लोग अभियान की शुरुआत में क्षेत्र में टीका देने के लिए निकलते थे तो कुछ लोग इसका बड़े स्तर पर बहिष्कार करते थे। यहां तक कि कुछ लोग उन्हें टीका के लिए अपने क्षेत्र में आने तक नहीं देते थे।  लेकिन अब परिस्थिति बदल गई है। जागरूकता अभियान का लोगों पर असर पड़ा है। साथ ही अधिक से अधिक लाभुकों को टीका लगने के कारण लोग अब यह समझ गए हैं कि अगर कोरोना से बचना है तो टीका लेना ही पड़ेगा। यही कारण है कि अब लोग पूछ-पूछकर टीका लेने के लिए सामने आ रहे हैं।

 खरीक की 13 पंचायतों में किया टीकाकरणः अनुपम कहती हैं कि खरीक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के तहत 13 पंचायत हैं। सभी पंचायतों में घूम-घूमकर उन्होंने लोगों का टीकाकरण किया है। शुरुआत में मीरजाफरी, ध्रुवगंज, ढोडिया दादपुर जैसी पंचायतों में लोग टीका का विरोध कर रहे थे, लेकिन जागरूकता अभियान के बाद उनलोगों में समझ विकसित हुई। इसके बाद अभियान ने जोर पकड़ लिया। वहीं दूसरी ओर खरीक, तुलसीपुर और तेलघी जैसी पंचायत के लोग शुरुआत से ही टीका लेने के लिए सामने आ रहे थे। वहां के लोग और स्थानीय जनप्रतिनिधि भी लोगों को टीका लेने के लिए जागरूक कर रहे थे। इसी का परिणाम रहा कि जिले में खरीक में टीकाकरण का ग्राफ काफी ऊपर रहा। इसके अलावा अनुपम ने भागलपुर शहरी क्षेत्र में भी लोगों का टीकाकरण किया है।

12 वर्षीय बेटे को घर पर छोड़ निभा रहीं अपनी जिम्मेदारीः 33 वर्षीय अनुपम रंजन मूल रूप से मुंगेर जिले की रहने वाली हैं। भागलपुर में किराए के मकान में रहती हैं। उनके साथ उनका 12 साल का बेटा भी रहता है और वह छठी कक्षा में पढ़ाई करता है। बच्चे को भागलपुर में अकेला छोड़कर प्रतिदिन अपनी ड्यूटी पर निकल जाती हैं। पति फौज में हैं और 12 साल के बच्चे के अलावा सास-ससुर की जिम्मेदारी भी उनके ऊपर है। इसके बावजूद वह अपने काम में रमी रहती हैं। अनुपम कहती हैं कि उन्हें घरवालों का काफी सहयोग भी मिलता है। अगर घरवाले सपोर्ट नहीं करेंगे तो कर्तव्य पालन में मुश्किलों का सामना करना होगा, लेकिन घरवाले मेरी जिम्मेदारी को समझते हैं। इसलिए वह अपना काम मन लगाकर कर पाती हैं। 

रिपोर्टर

  • Aishwarya Sinha
    Aishwarya Sinha

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