टीबी मरीजों को समुदाय की मुख्यधारा से जोड़ने में टीबी चैंपियंस की भूमिका अहम् 

 
• टीबी चैंपियंस के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का हुआ शुभारंभ 
• 7 जिले से 35 टीबी चैंपियंस को दिया जायेगा प्रशिक्षण 
• रीच संस्था एवं स्टेट टीबी सेल के तत्वावधान में हुआ कार्यशाला का आयोजन  
 
पटना-
 
“टीबी चैंपियंस सिर्फ टीबी मरीजों की पहचान, उन्हें उपचार की सुविधा उपलब्ध कराने में ही नहीं अपितु मरीजों को समुदाय की मुख्यधारा से जोड़ने में अहम् भूमिका निभा रहे हैं. समुदाय द्वारा टीबी से ग्रसित व्यक्तियों को समुदाय कलंकित किया जाना और उनके प्रति भेदभाव का नजरिया रखना खेदजनक है. टीबी से ग्रसित व्यक्ति से संपर्क में आने से बचें और यदि संपर्क में आते हैं तो सावधानी बरतें, लेकिन मरीजों से भेदभाव कर लोग सिर्फ मरीजों का मनोबल तोड़ते हैं ”, उक्त बातें अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, यक्ष्मा डॉ. बाल कृष्ण मिश्र ने टीबी चैंपियंस के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए कही. रीच संस्था एवं राज्य टीबी सेल के तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला का मंगलवार को पटना स्थित एक निजी होटल में किया गया. कार्यशाला में अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, यक्ष्मा डॉ. बाल कृष्ण मिश्र, राज्य आईईसी पदाधिकारी, यक्ष्मा, बुशरा अज़ीम, रीच संस्था के राज्य कार्यक्रम प्रबंधक मोहम्मद मुदस्सिर के साथ राज्य एवं जिलों से रीच के अनेक अधिकारीयों ने भाग लिया.  
टीबी को मात दे चुके मरीजों का नियमित अंतराल पर फॉलोअप जरुरी:
कार्यशाला में प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, यक्ष्मा डॉ. बाल कृष्ण मिश्र ने बताया कि टीबी से ठीक हो चुके व्यक्तियों का नियमित फॉलोअप करना जरुरी है. इससे मरीजों में रोग के रिलैप्स होने का पता चलता है. डॉ. मिश्र ने बताया कि टीबी को मात दे चुके व्यक्तियों का 6 माह, 12 माह, 18 माह एवं 24 माह पर जांच की जानी चाहिए. साथ ही यक्ष्मा मरीजों का ड्रग सेंसिटिविटी टेस्ट उपचार शुरू करते समय, दवा सेवन के 2 महीने के बाद एवं दवा का कोर्स पूरे होने यानी 6 महीने बाद करना चाहिए. इससे पता चलेगा कि मरीज को दी जा रही दवाओं में से किसी दवा से टीबी का बैक्टीरिया रेसिस्टेंट तो नहीं है.
7 जिले के 35 टीबी चैंपियंस को दिया जा रहा प्रशिक्षण:
रीच संस्था के राज्य कार्यक्रम प्रबंधक मोहम्मद मुदस्सिर ने बताया कि दो दिवसीय कार्यशाला में राज्य के 7 जिलों यथा पटना, गया, सारण, मुजफ्फरपुर, पुर्णिया, सीतामढ़ी एवं दरभंगा से 35 टीबी चैंपियंस हिस्सा ले रहे हैं. प्रतिभागियों का उपचार साक्षरता, जोखिम मुल्यांकन, लिंग आधारित एवं सहकर्मी/ परिवार समर्थन, मानसिक स्वास्थ्य काउंसिलिंग, कांटेक्ट ट्रेसिंग, यक्ष्मा के साथ अन्य गंभीर रोगों का प्रबंधन, सामुदायिक बैठक आदि पर उन्मुखीकरण किया जायेगा. उन्होंने बताया कि “यूनाइट टू एक्ट” प्रोजेक्ट के तहत राज्य के उक्त सातों जिलों में टीबी चैंपियंस द्वारा सराहनीय काम किया जा रहा है. 
स्वास्थ्य कार्यकर्ता प्रशिक्षण मोडयूल पर किया गया उन्मुखीकरण:
राज्य आईईसी पदाधिकारी, यक्ष्मा, बुशरा अज़ीम द्वारा शामिल प्रतिभागियों का स्वास्थ्य कार्यकर्ता प्रशिक्षण मोडयूल पर उन्मुखीकरण किया गया. उन्होंने प्रतिभागियों को मोडयूल के सभी पहलुओं से अवगत कराया और अपने कार्य को बेहतर तरीके से संपादित करने की जानकारी दी. कार्यशाला में शामिल प्रतिभागियों ने अपने कार्यक्षेत्र के अनुभव को सभी से साझा किया.

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
    Dr. Rajesh Kumar

    The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News

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