17 दिनों में 32 लाख लोगों को खिलाई जाएगी फाइलेरिया रोधी दवा

- 10 फरवरी से शुरू होगा वाले सर्वजन दवा सेवन का राष्ट्रीय अभियान
- अंतिम तीन दिन स्कूलों में बूथ लगाकर बच्चों को खिलाई जाएगी दवा
- एमडीए को सफल बनाने में सभी विभाग करें सहयोग : सिविल सर्जन

भागलपुर-

राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत आगामी 10 फरवरी से शुरू होने वाले मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) कार्यक्रम को सफल बनाने में सभी विभाग करें सहयोग। उक्त बातें गुरुवार को भागलपुर समाहरणालय स्थित समीक्षा भवन सभागार में जिलाधिकारी डॉक्टर नवल किशोर चौधरी की अध्यक्षता और उप विकास आयुक्त प्रदीप कुमार सिंह उपस्थिति में आयोजित जिला समन्वय समिति की बैठक में उक्त अपील की गयी। सिविल सर्जन डॉ. अशोक प्रसाद ने बताया कि फाइलेरिया व्यक्ति को जीवन भर के लिए दिव्यांग बना देती है। इससे बचाव के लिए मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) अभियान भारत का सबसे बड़ा कार्यक्रम है। इसमें एक साथ बहुत बड़ी संख्या में लोगों को फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन कराया जाता है। इस बड़े अभियान को सफल बनाने में स्वास्थ्य विभाग को अन्य विभाग जैसे शिक्षा, जीविका, आईसीडीएस, पंचायती राज विभाग, खाद्य एवं आपूर्ति सहित कई अन्य विभाग का पूरा सहयोग आवश्यक है।
इस अवसर पर उप विकास आयुक्त प्रदीप कुमार सिंह, सूचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी नागेंद्र गुप्ता, जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दीनानाथ, वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी, जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यालय के कई अधिकारी, शिक्षा, जीविका, आईसीडीएस, पंचायती राज विभाग, खाद्य आपूर्ति विभाग सहित अन्य विभाग के जिलास्तरीय पदाधिकारी सहित डेवलेपमेंट पार्टनर पिरामल और सिफार के जिलास्तरीय प्रतिनिधि सहित कई अन्य लोग उपस्थित थे। इस अवसर पर डेवलेपमेंट पार्टनर पिरामल स्वास्थ्य के जिला स्तरीय प्रतिनिधि राकेश कुमार ने पीपीटी के माध्यम से एमडीए अभियान की सफलता में विभिन्न विभागों की भूमिका के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी।

17 दिनों तक चलेगा अभियान, 32 लाख लोग खायेंगे दवा
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दीनानाथ ने बताया कि जिला के सभी प्रखंडों तथा शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लगभग 32 लाख लोगों को आगामी 10 फरवरी से शुरू होने वाले मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) अभियान के दौरान फाइलेरिया रोधी दवाओं के रूप में उम्र के अनुसार एलबेंडाजोल और डीईसी दवाओं का सेवन कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि दो साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं, गंभीर बीमारी से ग्रसित लोगों को फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन नहीं कराना है। 17 दिनों तक चलने वाले इस अभियान के अंतिम 3 दिनों के दौरान स्कूलों में बूथ लगाकर बच्चों और शिक्षकों को दवा खिलाई जाएगी। उन्होंने बताया कि किसी भी स्थिति में खाली पेट में फाइलेरिया रोधी दवा नहीं खिलानी है और स्कूलों में मध्याह्न भोजन के बाद ही बच्चों को दवा खिलायी जानी है।

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
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