- World Wide
- International
- National
- State
- Union Territory
- Capital
- Social
- Political
- Legal
- Finance
- Education
- Medical
- Science & Tech.
- Information & Tech.
- Agriculture
- Industry
- Corporate
- Business
- Career
- Govt. Policy & Programme
- Health
- Sports
- Festival & Astrology
- Crime
- Men
- Women
- Outfit
- Jewellery
- Cosmetics
- Make-Up
- Romance
- Arts & Culture
- Glamour
- Film
- Fashion
- Review
- Satire
- Award
- Recipe
- Food Court
- Wild Life
- Advice

पीकेडीएल बीमारी को हरा पुष्पा अब जी रही है नयी जिन्दगी
कालाजार बीमारी से थी अनजान : पुष्पा देवी
सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में कालाजार का होता है उचित इलाज
लखीसराय-
मैं अपनी बीमारी से निजात पाने के लिए दवा का सेवन करते जा रही थी। पर, हमें ये पता नहीं था कि मैं किस बीमारी से ग्रसित थी। बस बुखार और अन्य परेशानियों के चलते लगातार दवा खाए जा रही थी। लेकिन बीमारी ठीक नहीं हो रही थी। मैं अपनी चुनौतीपूर्ण जिंदगी से परेशान हो गई थी। उक्त पीड़ा की व्यथा है जिले के बड़हिया प्रखंड के आदर्श लक्ष्मीपुर गांव निवासी पुष्पा देवी की। वह
कहतीं हैं कि की मुझे तो कालाजार होने का कोई एहसास ही नहीं हुआ। पर जब मेरा जांच की गई तो इस बीमारी का पता लगा कि मेरे शरीर पर जो चकते जैसा हो रखा था वो पीकेडीएल है। मैं तो बस गांव के चिकित्सक के कहने पर दाग – खुजली की दवा खा रही थी पर वो ठीक नहीं हो रहा था।
पिरामल की प्रोग्राम ऑफिसर ललिता कुमारी बताती हैं मैं जब एक दवा दुकान पर पुष्पा देवी को दवा लेते हुए देखा तो उसी समय मैं समझ गई थी कि इनकी कालाजार का पीकेडीएल बीमारी है। दवा लेने के दौरान ही मैंने बताया कि आप जांच हेतु बड़हिया रेफरल अस्पताल चलिए, पर उस समय ये आने को तैयार नहीं हुई .फिर मैं इस क्षेत्र की आशा एवं स्वास्थ्य टीम के साथ पुष्पा देवी के घर पर जा कर जांच हेतु राजी किया।
पुष्पा देवी के बारे में बात करते हुए भीडीएस दिलीप कुमार बताते हैं कि ये तो जांच के लिए जाने के लिए तैयार ही नहीं हो रही थी .पर हमने इनके साथ इनके परिवार को भी समझाया कि अगर इस बीमारी का इलाज नहीं हुआ तो ये घातक सिद्ध हो सकता है .उसके बाद इनकी जांच राजेन्द्र मेमोरियल रिसर्च संस्थान में करायी गयी। जहां पीकेडीएल होने की पुष्टि की गयी।
दिलीप बताते हैं की जांच के बाद इलाज के दौरान ये राजेन्द्र मेमोरियल संस्थान पटना से बिना जानकरी दिए घर आ गयी . उसके बाद इनको सदर अस्पताल लखीसराय के द्वारा मिल्टोफिसिन 50 mg .नामक दवा जो दिन में तीन बार लेने कि सलाह के साथ पीड़ित के घर पर ही उपलब्ध कराया साथ ही निगरानी भी करता रहा .जिसके कारण आज ये पूरी तरह से ठीक हैं .
पुष्पा देवी ने बताया की आज वो इस बीमारी पीकेडीएल से निजात पाकर बहुत ही खुश हैं . साथ ही समाज के लोगों से भी कहना चाहूँगी की कालाजार बीमारी को छुपाये नहीं बल्कि उसका इलाज अपने नजदीकी स्वास्थ्य संस्थान में कराकर बीमारी से निजात्त पाएं।
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Dr. Rajesh Kumar