मिल्टेनी बायोटेक, BRIC-THSTI और BIRAC ने भारत में पहली बार सेल और जीन थेरेपी मैन्युफैक्चरिंग पर हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग प्रोग्राम लॉन्च किया, CAR-T पर विशेष फोकस

 

 

ट्रांसलेशनल हेल्थ साइंस एंड टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट (BRIC-THSTI) ने मिल्टेनी बायोटेक और बायोटेक्नोलॉजी इंडस्ट्री रिसर्च असिस्टेंस काउंसिल (BIRAC) के साथ मिलकर फाउंडेशन ओफ सेल एन्ड जीन थेरेपी (CGT)मैन्युफैक्चरिंग  पर भारत का पहला हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग प्रोग्राम लॉन्च किया है, जिसमें CAR-T सेल थेरेपी पर विशेष जोर दिया गया है।

यह पहल एकेडेमिक रीसर्च और क्लीनिकल एप्लिकेशन के बीच की खाई को पाटने के उद्देश्य से की गई है। इसका मकसद शुरुआती करियर के वैज्ञानिकों और चिकित्सकों को प्री-क्लीनिकल डेवलपमेंट, GMP-अनुरूप मैन्युफैक्चरिंग और क्लीनिकल ट्रांसलेशन सहित व्यापक प्रेक्टिकल अनुभव प्रदान करना है।

CAR-T सेल थेरेपी मैन्युफैक्चरिंग हैंड्स-ऑन वर्कशॉप एंड सिम्पोसिया” नामक यह वर्कशॉप 12 से 14 नवंबर 2025 के बीच THSTI, NCR बायोटेक साइंस क्लस्टर में आयोजित होगा। तीन दिन के इस गहन प्रशिक्षण में देशभर से शोधकर्ता, चिकित्सक और उद्योग विशेषज्ञ भाग लेंगे। प्रतिभागी पहले मिल्टेनी यूनिवर्सिटी के ऑनलाइन प्रोग्राम से जुड़ सकेंगे, जिसके बाद वे THSTI की सेल और जीन थेरेपी सुविधा में प्रेक्टिकल ट्रेनिंग लेंगे।

यह भारत का पहला ऐसा प्रशिक्षण कार्यक्रम है जिसमे ऑनलाइन मॉड्यूल और हैंड्स-ऑन प्रैक्टिकल दोनों की तालीम देता है। प्रतिभागियों को CGT मैन्युफैक्चरिंग की संपूर्ण प्रक्रिया का अनुभव मिलेगा — प्रीक्लीनिकल डेवलपमेंट से लेकर क्लोज्ड-सिस्टम सेल प्रोसेसिंग, क्वालिटी कंट्रोल और कंप्लायंस नियमो तक।

प्रशिक्षण की प्रमुख विशेषताएं:

* CliniMACS Prodigy सिस्टम और MACSQuant® Analyzer के माध्यम से CAR-T सेल मैन्युफैक्चरिंग पर व्यावहारिक प्रशिक्षण।

* इन-प्रोसेस कंट्रोल और क्वालिटी कंट्रोल वर्कफ्लोज़ (CAR-T एक्सप्रेस मोड्स)।

* मिल्टेनी यूनिवर्सिटी के ऑनलाइन करिकुलम का सतत वर्चुअल एक्सेस।

 

इस बारे में मिल्टेनी बायोटेक इंडिया की मैनेजिंग डायरेक्टरडॉ. प्रिया कपूर जी. हिंगोरानी  ने कहा, मिल्टेनी बायोटेक में हमारा मानना है कि सेल और जीन थेरेपी उतनी ही सशक्त है जितना इसका इकोसिस्टमजिसमें इन्फ्रास्ट्रक्चर, कौशल और तकनीक का समावेश होता है। THSTI और BIRAC के साथ इस सहयोग के माध्यम से हम भारत के अगली पीढ़ी की वैज्ञानिक प्रतिभा में निवेश कर रहे हैं ताकि एडवांस्ड थेरेपी को स्थानीय, प्रासंगिक और टिकाऊ तरीके से ‘बेंच से बेडसाइड’ तक ले जाया जा सके।”

 

THSTI के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर प्रो. जी. कार्तिकेयन  ने कहा, शैक्षणिक उत्कृष्टता, औद्योगिक अनुभव और इकोसिस्टम सपोर्ट को एक साथ लाकर हम भारत के उन अरमानो को उडान दे रहे हैं, जो सेल और जीन थेरेपी मैन्युफैक्चरिंग और डिलीवरी में वैश्विक केंद्र बनने की दिशा में चल चुके हैं। मिल्टेनी बायोटेक और BIRAC के साथ हमारी यह साझेदारी भारत के ट्रांसलेशनल रिसर्च इकोसिस्टम को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”

BIRAC के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. जितेंद्र कुमार ने अधिक जानकारी देते हुए कहाBIRAC भारत के बायोटेक्नोलॉजी इकोसिस्टम को इनोवेशन-ड्रिवन पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के माध्यम से सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध रहा है। इस तरह की पहलें भारत को उस कुशल प्रतिभा और मैन्युफैक्चरिंग फ्रेमवर्क का निर्माण करने में मदद करती हैं जो एडवांस्ड थेरेपी को जरूरतमंदों तक पहुंचाने के लिए आवश्यक हैं।”

वैश्विक स्तर पर, सेल और जीन थेरेपी कैंसर, ऑटोइम्यून और रेयर डिजीज के इलाज में क्रांतिकारी परिवर्तन ला रही हैं। हालांकि, मैन्युफैक्चरिंग की जटिलता और प्रशिक्षित प्रोफेशनल्स की कमी अब तक बड़ी चुनौती रही है। भारत का यह फोकस — केपेसिटी बिल्डिंग, स्कील ट्रान्सफर और लोकल मैन्युफैक्चरिंग — मरीज-केंद्रित, स्केलेबल सोल्यूशन्स विकसित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

THSTI, मिल्टेनी बायोटेक और BIRAC की यह संयुक्त पहल भारत में प्रिसिशन मेडिसिन के लिए एक सक्षम इकोसिस्टम, स्थानीय विशेषज्ञता और ट्रांसलेशनल क्षमताओं को मजबूत करने की साझा दृष्टि को दर्शाती है।

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
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    The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News

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