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काशी तमिल संगमम् 4.0, तमिलनाडु गए प्रतिभागी बोले, काशी और काँची के सांस्कृतिक सेतु का जीवंत अनुभव
वाराणसी-
काशी तमिल संगमम् 4.0 के अंतर्गत प्रतिनिधि के रूप में तमिलनाडु गए प्रतिभागी बोले यह यात्रा काशी और कॉंची के सांस्कृतिक सेतु का जीवंत अनुभव है। काशी तमिल संगमम 4.0 में शामिल होने आए प्रतिनिधि काशी हिंदू विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग के शोधार्थी आचार्य अभिनव शंकर ने कहा कि भारत आना मेरे लिए अत्यंत सौभाग्य और गौरव का विषय है। इस अवसर पर हम न केवल काशी नगरी, बल्कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय का भी प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। संस्कृत का अध्येता होने के नाते इस सांस्कृतिक संगम का साक्षी बनना मेरे लिए विशेष रूप से सार्थक अनुभव रहा।
अभिनव शंकर ने कहा कि इस यात्रा के दौरान मुझे काँचीपुरम समूह के अंतर्गत तमिल करकलाम (तमिल भाषा) सीखने का अवसर प्राप्त हुआ, जो एक सुखद और स्मरणीय संयोग है। यहाँ प्रतिदिन हम तमिल भाषा का अभ्यास करते हैं, दक्षिण भारतीय व्यंजनों का स्वाद लेते हैं तथा ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व से परिपूर्ण मंदिरों का दर्शन कर उनकी वास्तुकला एवं विशिष्टताओं को निकट से समझते हैं।
बीएचयू के हिंदी विभाग में शोधार्थी अंकिता पाण्डेय ने बताया कि इस यात्रा के दौरान सप्तपुरियों में एक दक्षिण का काशी `कांचीपुरम ` तमिलनाडु के एक पवित्र शहर में जाने का मौका मिला। यहां के लोगों से मिलकर मुझे यही अनुभव हुआ कि काशी हो या कांची लोगो की आत्मा भारतीय है। यहाँ आकर हमें अत्यंत गौरवशाली ऐतिहासिक स्थानों, कला, धर्म, दर्शन तथा स्थापत्य इत्यादि का अद्भुत संगम को देखने और समझने का मौका मिला जो कि भारत की प्राचीन धरोहर हैं। यहां शैव और वैष्णव की भक्ति परंपरा तथा काशी की दैविक परंपरा में साम्यता का अनुभव किया। इतने आत्मीय और सहज लोगों के बीच रहना अपने आप में एक उपलब्धि महसूस कर रही हूं।
एक अन्य प्रतिनिधि स्वाति श्री ने बताया कि एक भारत श्रेष्ठ भारत के विचार को प्रलक्षित करता काशी तमिल संगमम् का यह चतुर्थ संस्करण भविष्य के लिए एक नींव है। यह प्रथम अवसर है जब लगभग तीन सौ की बड़ी संख्या में काशी में अध्ययनरत छात्रों को हजारों मील के फासले को कम करने का अवसर प्राप्त हुआ। तमिलनाडु में इन छात्रों को दश समूहों में बाँटकर भिन्न-भिन्न शहरों में भेजा गया। मुझे कांचीपुरम शहर में आने का अवसर प्राप्त हुआ। श्रीचंद्रशेखरेन्द्र सरस्वती विश्व महाविद्यालय द्वारा हमारे संपूर्ण जरूरतों और आवास का उम्दा प्रबंधन कराया गया। यहां हमें तमिल करकलाम अर्थात आओ तमिल सीखे के अंतर्गत विश्व की प्राचीनतम भाषा तमिल और इसके विशाल इतिहास का ज्ञान हुआ। साथ ही कैलाशनाथ मंदिर,चित्रगुप्त मंदिर, एकंबेश्वर महादेव मंदिर, त्रिविक्रम स्वामी मन्दिर, कामाक्षी मंदिर इत्यादि स्थानीय मंदिर और विभिन्न कला को जानने का अवसर प्राप्त हुआ। कटटु नामक लोक नृत्य संगीत की प्रस्तुति भी हुई। सीलंबम स्थानीय स्वरक्षा विधि खेल सीखने का अवसर प्राप्त हुआ। यह अवसर मेरे लिए किसी आशीर्वाद से कम नहीं है कि, मैं काशी-तमिल के बीच स्थापित प्राचीन संबंध की इस कड़ी का हिस्सा बनी। भारत की प्राचीन संस्कृति और संस्कार को समेटता हुआ तमिलनाडु, काशी को कण-कण में बसाए हुए हैं।

रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Aishwarya Sinha